Sunil Chhetri Retires: जानिए आखिर क्यों भारतीय फुटबॉल आइकन सुनील क्षेत्री को खेल से अलविदा कहना पड़ा

देवेन्द्र पाण्डेय
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Sunil Chhetri retires

Sunil Chhetri Retires: उन्नीस साल, या फुटबॉल के संदर्भ में एक जीवनकाल, वह समय है जब सुनील छेत्री ने राष्ट्रीय ध्वज को गौरवान्वित किया। भारत के 11वें नंबर के खिलाड़ी, जिन्होंने 150 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेले हैं और ब्लू टाइगर्स के लिए 93 बार स्कोर किया है, अब 6 जून को कोलकाता में फीफा विश्व कप क्वालीफायर में कुवैत के खिलाफ अपने आखिरी मुकाबले के बाद अपने बेशकीमती जूतों की जोड़ी को लटकाने के लिए तैयार हैं।भारतीय फुटबॉल का सर्वकालिक महानतम खिलाड़ी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया ,लेकिन ऐसा करने का उसका निर्णय सभी के लिए थोड़ा आश्चर्यचकित करने वाला है।

इस पोस्ट से सबको चौंकाया

एक्स पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा कि कुवैत के खिलाफ भारत का विश्व कप क्वालीफिकेशन मैच उनका आखिरी गेम होगा।

उन्होंने वीडियो में कहा, “एक आखिरी गेम… हमारी खातिर…आइए गेम जीतें और हम खुशी-खुशी प्रस्थान कर सकते हैं।”

सुनील क्षेत्री के 39 वर्षीय छेत्री ने 19 वर्षों तक देश के लिए खेला है, उन्होंने अपना पहला गोल 2005 में अपने पहले मैच के दौरान किया था।वह देश के सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ियों में से एक हैं, जिन्हें क्रिकेट-केंद्रित संस्कृति के बीच राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल पर प्रकाश डालने का श्रेय दिया जाता है।फिलहाल, उनके पास अर्जेंटीना के लियोनेल मेसी और पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो के बाद सक्रिय फुटबॉलरों में तीसरे सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले खिलाड़ी होने का रिकॉर्ड है।

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ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. किसी विषय विशेष में दक्षता तो नहीं है पर अध्ययन के शौक की वजह से हर विषय में दखल जरूर है. खेल, राजनीति, खेती–किसानी और राजनीति विज्ञान में गहरी रुचि. इतिहास के पन्ने खंगालने का शौक रखता हूं. फिलहाल अभी एनडीटीवी, एबीपी न्यूज़, टाइम्स नेटवर्क के सभी ग्रुप व इंडिया टीवी जैसे बड़े न्यूज़ चैनल के लिए काम कर रहा हूं. विकास पत्रकारिता में घनघोर रुचि. जमीनी स्तर की रिपोर्टिंग करना और उसके बारे में लिखना काफी पसंद है. मैं उन चुनिंदा लोगों में से हूं जिनके लिए पत्रकारिता आज भी किसी प्रोफेशन से ज्यादा एक आंदोलन है. अपनी कमियों में सुधार और अपनी खूबियों को निखारना चाहता हूं. पॉलिटिक्स, क्राइम, इंटरटेनमेंट, क्रिकेट, फील्ड रिपोर्टिंग मेरे पंसदीदा विषय हैं. एक चीज में विश्वास करता हूं "Nothing is Impossible"
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