मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास औद्योगिक क्षेत्र में बंद पड़ी फैक्ट्री में एमडी ड्रग्स बनाने के आरोपियों को एटीएस गुजरात ले आई है। दोनों आरोपियों को भोपाल कोर्ट से 8 दिन के ट्रांजिट रिमाइंडर पर ले जाया गया। पूछताछ में आरोपी कई अहम खुलासे कर सकते हैं।
तार अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्कर गिरोह से
आरोपी भोपाल को ड्रग प्रोडक्शन हब बनाना चाहते थे। आरोपी भोपाल में ही ड्रग का स्टॉक रखना चाहते थे। महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में भी सप्लाई की योजना थी। भोपाल में भी ड्रग्स का इस्तेमाल होता था। सात महीने में भोपाल में 55 नशीली दवाओं के मामलों में कार्रवाई की गई है और लगभग 13 करोड़ रुपये की दवाएं बरामद की गई हैं। हर दिन 100 करोड़ रुपए की एमडी बनाई जा रही थीं। फैक्ट्री में रोजाना करीब 25 किलो एमडी का निर्माण होता था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक किलो एमडी की औसत कीमत 5 करोड़ रुपये है, इसलिए हर दिन 100 करोड़ की ड्रग्स बनाई जाती थीं। प्रतिवादी एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं। दुबई तक ड्रग्स की खेप पहुंच रही थी। आरोपी विदेशों में नशीली दवाओं की तस्करी में माहिर है। दवाओं की आपूर्ति में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की बात भी सामने आई है।
कोकीन फैक्ट्री का संचालन भी
प्रतिवादी एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से जुड़े हुए हैं। हाल ही में दिल्ली में पकड़ी गई कोकीन फैक्ट्री का संचालन भी इसी गिरोह से जुड़ा था। तुषार गोयल मंच के पीछे गाड़ी चला रहे थे। इस गैंग से जुड़े तुषार गोयल, जितेंद्र पाल सिंह उर्फ जस्सी, हिमांशु कुमार, औरंगजेब सिद्दीकी और भरत कुमार जैन पहले ही पकड़े जा चुके हैं। उसकी जानकारी से ही एनसीबी को भोपाल में चल रही सान्याल ड्रग फैक्ट्री के बारे में जानकारी मिली। एटीएस की पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह नशे की खेप को यूनाइटेड किंगडम और दुबई भेजने की योजना बना रहा था।