Kuno National Park : चीतों की भूमि भारत के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अब चीतों खुले जंगल में स्वतंत्र विचरण करेंगे। दो साल से कैद में बंद तेंदुओं को अब जंगल में छोड़ा जाएगा। जंगल में मध्य प्रदेश की सीमा पार कर पड़ोसी राज्यों में पहुंचने पर भी तेंदुओं पर कोई रोक नहीं होगी। एक बार बाड़े से निकलने के बाद चीतों को तब तक बाड़े में नहीं लौटाया जाता जब तक वे ठीक न हो जाएं।
चीता संचालन समिति ने चीतों को खुले जंगल में छोड़ने की मंजूरी दे दी है। समिति ने तेंदुओं को दो-दो करके जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया। कुनो राष्ट्रीय उद्यान के बाड़े में वर्तमान में 12 वयस्क और 12 चीता शावक हैं। एक-एक करके सभी वयस्क तेंदुओं को जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
चीते पड़ोसी राज्य के जंगलों में भी स्वतंत्र रूप से घूम सकते हैं। ऐसे में तेंदुओं के भोजन और सुरक्षा समेत सभी मामलों पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी संबंधित राज्य के वन विभाग की होगी। इसके लिए मध्य प्रदेश के साथ-साथ राजस्थान और उत्तर प्रदेश के वन विभाग के अधिकारियों को भी सूचना भेज दी गई है।
चीतों को 19 सितंबर 2022 को पार्क में लाया गया था
कूनो राष्ट्रीय उद्यान की सीमा राजस्थान और उत्तर प्रदेश से लगती है। 2023 में, जब चार तेंदुओं को प्रयोग के तौर पर जंगल में छोड़ा गया, तो तेंदुए मुरैना, मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले, उत्तर प्रदेश के झाँसी और ललितपुर और राजस्थान के करौली तक पहुँच गए। बारिश में रेडियो कॉलर बेल्ट के संक्रमण से एक तेंदुए की मौत के बाद बाकी बचे तेंदुओं को उनके बाड़े में लौटा दिया गया। हम आपको बता दें कि चीतों को 19 सितंबर 2022 को भारत के कूनो नेशनल पार्क में लाया गया था।