मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव कल गुजरात के सूरत में आयोजित ‘जल संचय- जन भागीदारी- जन आंदोलन’ कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय जल मिशन के तहत चल रहे ‘कैच द रेन’ अभियान के तहत किया गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि मध्य प्रदेश देश की प्रमुख नदियों की मातृभूमि है। साथ ही, मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां दो नदी जोड़ो परियोजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
‘नदियों का मायका है मध्य प्रदेश’
सीएम मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश कि मध्य प्रदेश की नर्मदा और ताप्ती नदी अपने मायके यानी मध्य प्रदेश को तो प्रफुल्लित करती ही है, साथ ही वह गुजरात को भी धन-धान्य से परिपूर्ण कर रही हैं। इस दौरान सीएम मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में नदी जोड़ो अभियान के तहत दो परियोजनाओं पर काम करने वाला मध्य प्रदेश को देश का पहला राज्य बना दिया है।
इसके अलावा, राजस्थान में चंबल-पार्वती-काली सिंधु लिंक और मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच केन-बेतवा नदी लिंक अभियान के तहत दो परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। मध्य प्रदेश में, लगभग 3,500 गांवों के 13,000 से अधिक लोगों ने जल गंगा अभियान के तहत जल भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए 10,000 से अधिक तालाबों, पोखरों, कुओं और बावड़ियों को बहाल करने का संकल्प लिया है।
मध्यप्रदेश 'नदियों का मायका' है।
यह हम सभी का सौभाग्य है…#जल_संचय_जन_भागीदारी pic.twitter.com/ZH9wWiMWbs
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) October 13, 2024
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने की तारीफ
जल संरक्षण और जल संचयन को बढ़ावा देने के लिए सूरत में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र भाई पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी शामिल हुए। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सीआर पाटिल ने नदी जोड़ो अभियान में मध्य प्रदेश के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा, मध्य प्रदेश के 3500 गांवों में भूमिगत जल संग्रहण के लिए 14 हजार बोरिंग का निर्णय लिया गया है, जो सराहनीय है।