Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा की भगदड़ के मामले में पुलिस द्वारा दाखिल की गई 3200 पेज की चार्जशीट में बसपा सुप्रीमो मायावती ने गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के संरक्षण के कारण पिता सूरजपाल का नाम आरोप पत्र में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार की चुप्पी अनुचित है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट शेयर कर मायावती ने लिखा, “यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को हुए सत्संग भगदड़ काण्ड में 121 लोगों जिनमें अधिकतर महिलाओं व बच्चों की मृत्यु के सम्बंध दाखिल चार्जशीट में सूरजपाल सिंह उर्फ भोले बाबा का नाम नहीं होना जनविरोधी राजनीति, जिससे साबित है कि ऐसे लोगों को राज्य सरकार का संरक्षण है, जो अनुचित है।”
बाबा सूरजपाल पर सरकार की चुप्पी पर सवाल
उन्होंने यह भी लिखा, “मीडिया के मुताबिक, 2300 पेज की चार्जशीट में सिकंदराराऊ की इस दर्दनाक घटना में सेना के 11 जवानों को आरोपी बनाया गया है, लेकिन क्या बाबा सूरजपाल पर सरकार की चुप्पी पहले की तरह जायज है? क्या सरकार के रवैये से ऐसी घटनाओं को रोकना संभव है? “आम जनता चिंतित है।”
पुलिस ने एफआईआर में पिता को आरोपित नहीं किया
गौरतलब है कि मंगलवार को 10 आरोपियों को हाथरस पुलिस ने कोर्ट में पेश किया था। इसके साथ ही 3200 पेज की चार्जशीट भी दाखिल की गई। आरोप पत्र में मुख्य आयोजक समेत 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है। दो महिला आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। दरअसल, इस हादसे में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की थीं और किसी में भी पिता सूरजपाल का नाम नहीं था। इसलिए उनका नाम चार्जशीट में नहीं है।