टेलीकॉम सेक्टर के लिए ऑप्टिकल, ब्रॉडबैंड से लेकर डाटा नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स मुहैया कराने वाली कंपनी Tejas Networks को घाटे से मुनाफे में लौट चुकी है. इस कंपनी को तिमाही माह यानि जनवरी – मार्च में ₹146.8 करोड़ का मुनाफा हुआ है. जबकि, पिछले कारोबारी साल की समान तिमाही में कंपनी को ₹11.5 करोड़ का घाटा हुआ था.
इस दौरान कंपनी की आय सालाना आधार पर ₹299.3 करोड़ के मुकाबले 343.40% बढ़कर ₹1,326.9 करोड़ पर पहुंच चुका है. चौथी तिमाही में Tejas Networks की इन्वेंटरी में बढ़ोतरी हुई, जो ₹3,738 करोड़ पर पहुंच चुकी है
नतीजों के साथ ही कंपनी ने बताया कि चौथी तिमाही के खत्म होने तक उसके पास ₹641 करोड़ का कैश है. हालांकि, कामकाजी पूंजी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कंपनी ने बॉरोईंग का सहारा लिया है. इस वजह से मार्च अंत तक कंपनी पर ₹1,744 करोड़ की देनदारी है.
FY23 में टेलीकॉम और नेटवर्किंग प्रोडक्ट्स के लिए सरकार की PLI स्कीम के तहत कंपनी को ₹32.66 करोड़ मिले हैं. सेमीकंडक्टर DLI स्कीम के तहत Saankhya लैब्स को भी मंजूरी मिल गई है. चौथी तिमाही में कंपनी और इसकी सब्सिडियरी को कुल 22 पेटेंट भी मिले हैं, जिसके बाद अब टोटल पेटेंट्स की संख्या बढ़कर 355 पर पहुंच चुकी है.
नतीजे जारी होने से पहले Tejas Networks का शेयर सोमवार को 16.83% की बढ़त के साथ ₹905.75 प्रति शेयर पर बंद हुआ था. बीते एक महीने में यह शेयर 35% की तेजी दिखा चुका है. जबकि, पिछले एक साल में 44% की तेजी दिखी है. इस साल अब तक यह स्टॉक लगभग सपाट रहा है.
टाटा ग्रुप की इस कंपनी ने कभी होता था घाटे का कारोबार ,अब आया अचानक मुनाफे का उछाल ,जानिए कितना हुआ मुनाफा
ऋषि श्रृंगी मुनि की तपोभूमि सिंगरौली की पावन धरा से निकला. पठन-पाठन से प्यार था लिहाजा पत्रकारिता से बेहतर पेशा कोई और लगा नहीं. अखबार से शुरु हुआ सफर टीवी और डिजिटल मीडिया के माध्यम में जारी है. इस दौरान करीब 14 साल गुजर गए पता ही नहीं चला. किसी विषय विशेष में दक्षता तो नहीं है पर अध्ययन के शौक की वजह से हर विषय में दखल जरूर है.
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मैं उन चुनिंदा लोगों में से हूं जिनके लिए पत्रकारिता आज भी किसी प्रोफेशन से ज्यादा एक आंदोलन है. अपनी कमियों में सुधार और अपनी खूबियों को निखारना चाहता हूं. पॉलिटिक्स, क्राइम, इंटरटेनमेंट, क्रिकेट, फील्ड रिपोर्टिंग मेरे पंसदीदा विषय हैं. एक चीज में विश्वास करता हूं "Nothing is Impossible"
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