Manipur News : मणिपुर में हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां बीते एक साल से ही हिंसा का दौर जारी है। इस इलाके में दो समुदायों के बिच यानि कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा का दौर जारी है. अब यह खबर सामने आई है की कुकी उग्रवादियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल पर हमला कर दिया, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान शहीद हो गए.
पुलिस के मुताबिक
मणिपुर पुलिस के मुताबिक शुक्रवार-शनिवार की देर रात से करीब दो बजे के बीच कुकी उग्रवादियों के हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के दो जवानों की जान चली गई. ये दोनों जवान मणिपुर के बिष्णुपुर जिले के नारानसेना इलाके में तैनात CRPF की 128 वीं बटालियन के थे.
बताया जा रहा है की विष्णुपुर इलाका मणिपुर में आता है और यहां पर लोकसभा चुनाव के पहले चरण यानि 19 अप्रैल को वोटिंग के दौरान भी इलाके में हिंसा हुई थी. इसके साथ ही हिंसा प्रभावित कुछ इलाकों में बीते दिन 26 अप्रैल को भी मतदान हुआ था. राज्य में पहले कुकी संगठनों ने लोकसभा चुनाव का वहिष्कार किया था और न्याय नहीं तो वोट नहीं का नारा भी लगाया था.
हालांकि मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रदीप कुमार झा ने शुक्रवार (26 अप्रैल) को कहा था कि आखिरी रिपोर्ट मिलने तक 75 प्रतिशत मतदान हुआ और हिंसा की कोई बड़ी वारदात सामने नहीं आई है. उन्होंने बताया कि सिर्फ एक घटना सामने आई थी जिसमें ईवीएम के साथ तोड़फोड़ हुई.
Two Central Reserve Police Force (CRPF) personnel lost their lives in an attack by Kuki militants starting from midnight till 2:15 am at Naransena area in Manipur. The personnel are from CRPF's 128 Battalion deployed at Naransena area in Bishnupur district in the state: Manipur…
— ANI (@ANI) April 27, 2024
Manipur News -क्या है हिंसा की वजह?
मणिपुर में कुकी, मैतेयी और नागा समुदाय के लोग रहते हैं। राज्य की लगभग 53 फीसदी आबादी मैतेयी समुदाय की है। वहीं, 40 फीसदी आबादी वाले कुकी समुदाय के अधिकतर लोग पहाड़ों में रहते हैं। नागा और कुकी आदिवासी समुदाय हैं। मैतेयी गैर-आदिवासी हैं। कुकी समुदाय लंबे समय से अलग राज्य की मांग कर रहा है, उन्हें मैतेयी लोगों के शासन में रहना पसंद नहीं है।
ऐसे में मैतेयी समुदाय ने मणिपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि आबादी में वह ज्यादा हैं, लेकिन अधिकतर संसाधनों पर उनका हक नहीं है। ऐसे में उन्हें एससी का दर्जा मिलना चाहिए। हाईकोर्ट ने उनकी मांग को सही माना और राज्य सरकार से कहा कि मैतेयी समुदाय को एससी का दर्जा दिया जाए। कुकी समुदाय को लगा कि उनका हक छीना जा रहा है और इसके बाद से राज्य में लगातार हिंसा जारी है।
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